शनिवार, 7 दिसंबर 2013

जान जाओगे ...

कभी रोटी, कभी कपड़े के लिए गिड़गिड़ाना किस को कहते हैं 
किसी अनाथ बच्चे से पूछो रोना किस को कहते हैं 
कभी उसकी जगह अपने को रखो फिर जान जाओगे 
कि दुनिया भर का दुःख दिल मे समेटना किस को कहते हैं 
उसकी आँखें, उसके चेहरे को एक दिन घूर के देखो 
मगर ये मत पूछना कि वीराना किसको कहते हैं ... 
तुम्हारा दिल कभी छोड़े अगर दौलत कि खुमारी को  
तो तुम्हें मालूम हो जाएगा कि गरीबी किसको कहते हैं .... 

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