बुधवार, 13 जून 2012

अश्कों  को  पीने  से गम  कम नहीं होता ...
गर दाग हो दामन  में  वह  पाक नहीं होता...
पेशानी की लकीरों  से भाग्य नहीं बदलता ...
आसुंओं क़े  बहने  से दामन नहीं धुलता ...

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें