अभिव्यक्ति
( कविता, कहानियां एवं लेख )
शनिवार, 21 अप्रैल 2012
पेशानी की लकीरों से भाग्य नहीं बदलता...
आसुंओ के बहने से दामन नहीं धुलता...
दूसरों को गिराने में कोई गरूर नहीं होता...
अपनों से लड़ने में कोई वीर नहीं होता...
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