गुरुवार, 19 अप्रैल 2012

तारीख...


बेवकूफ सी काया लिए 
मुस्कराते हुए  गुजर जाएगी... 
आपके बगल से...
आप निश्चित भूल जायेंगे.. 

दुनिया   की तारीख को... 
याद नहीं आएगी  वो... 
कि कब हांथों से फिसलकर ...
चली गयी धूप ..
बगल में पड़ी होगी लाठी...
और आप लाठी के लिए चिल्ला रहे होंगे... 
तभी सरक रही होगी...
आपके पैरों के बीच सर्पनी...
आप देखते रह जायेंगे...
और गुजर जाएगी... यह तारीख....

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