गुरुवार, 4 नवंबर 2010

एक टीस

नफरतो की हदें पार करते हुए
लोग डरते हैं क्यूँ प्यार करते हुए

वो पडोसी नहीं उसका चाचा भी था
उसने सोचा भी नहीं वार करते हुए

होश खो बैठे तूफान मैं तैराक भी
डूबे मंझदार मंझदार करते हुए

मेरी चाहत से इंकार नहीं वो मगर
होंठ जलते हैं इकरार करते हुए

बग्बोनो तुम्हे शर्म आती नहीं
अपना ही बाग़ बीमार करते हुये

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